एसआईटी ने सीबीआई से कहा कि प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ अश्लील वीडियो मामले में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जाए। जांच टीम की उम्मीद थी कि हासन सांसद के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद उनके स्थानो के बारे में जानकारी मिल सकती है।
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कर्नाटक के हासन से लोकसभा उम्मीदवार और जेडीएस नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना चर्चा में हैं। रविवार को, कर्नाटक के गृहमंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने बताया कि प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ अश्लील वीडियो को लेकर एक ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है यौन शोषण मामले में। इंटरपोल रेवन्ना को भारत वापस लाने में मदद कर रहा है। Interpol जलने के बारे में सभी देशों को सूचित करेगा। उनका कहना था कि जांच के लिए बनाया गया विशेष जांच दल ही प्रज्ज्वल को वापस लाने का निर्णय लेगा।
ब्लू कॉर्नर नोटिस से क्या होता है
इंटरपोल, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन, ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करता है। जानकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग निकाय ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करता है, जो किसी अपराध के संबंध में किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान सहित अन्य जानकारी जुटाता है। जांच एजेंसी को इंटरपोल से नोटिस लेना होगा। इंटरपोल ने विभिन्न प्रकार की कार्रवाई के लिए अलग-अलग रंग के कॉर्नर नोटिस जारी किए हैं।
भाजपा पर कांग्रेस ने लगाए आरोप
हासन लोकसभा क्षेत्र से जदएस-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार प्रज्ज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के भतीजे हैं। सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह पर अपने गठबंधन के सहयोगी जदएस के उम्मीदवार को बचाने का आरोप लगाया। उनका प्रश्न था कि प्रज्ज्वल को जानने के बावजूद भाजपा ने जदएस के साथ गठबंधन क्यों किया?
एसआईटी ने सीबीआई से अनुरोध किया था
ब्लू कॉर्नर नोटिस का क्या अर्थ है?
क्या आप प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ जो ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, उसके बारे में कुछ जानते हैं? हम आपको बता देंगे। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग निकायों से सहयोग लेने के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है। सदस्य देशों से किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है। सीबीआई की वेबसाइट पर ब्लू नोटिस को B सीरीज नोटिस बताया गया है। इस बी कैटेगरी नोटिस को परीक्षण नोटिस भी कहा जाता है। यह जारी होने के बाद संबंधित व्यक्ति को सतर्क रखा जाता है।